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विद्यारम्भ:राम गति दहु सुमति!

स्वास्थ्य, समृद्धि और स्वतंत्रता- प्रियम्वद सिंह

"ॐ " के उच्चारण मात्र से होता है,समस्त दु:खों से छुटकारा!

बच्चे होंगे पढने में तेज,श्री हनुमान चालिसा से!

विद्यारम्भ संस्कार

यज्ञोपवित या जनेऊ सिर्फ धागा नहीं है। – आचार्य राजेश तिवारी

क्या कर रहे हैं,अगर यह समझकर भाव भक्ति के साथ कोई भी पूजा पाठ करेंगे,तो ज्यादा लाभान्वित होंगे!-ART.

अपनी कोई एक मनोकामना पूर्ण होने की प्रार्थना करें,अवश्य पूर्ण होगा।तथास्तु!!!- आचार्य राजेश तिवारी

दुसरों के कल्याण से होता है,अपना भी कल्याण! – आचार्य राजेश तिवारी

सत्यनारायण व्रत कथा से प्रेरणा!- #ART(आचार्य राजेश तिवारी).

आनन्दम्! आरोग्यम्! ऐश्वर्यम्!

सबके हृदय में राम! कोई झगङा-झंझट नहीं! – आचार्य राजेश तिवारी

भजन कीर्तन से भी होता है,सकारात्मक वातावरण का निर्माण!

समूह में ध्यान,प्रार्थना करने से महत्व काफी बढ जाता है।- पं० धीरेन्द्र शास्त्री(बागेश्वर धाम)

"आनन्दम्! आरोग्यम्! ऐश्वर्यम्!". गाओ और आनन्द,आरोग्य एवं ऐश्वर्य को प्राप्त करते रहो!
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